कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार भारतीय नागरिकों को ईरान से वापस लाने के लिए ईरानी अधिकारियों से बातचीत कर रही है। ईरान से आने वाली पहली उड़ान से कोरोना वायरस से संदिग्ध रूप से संक्रमित 300 भारतीयों के नमूने लाए जाएंगे, विमान के आज रात पहुंचने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने बताया कि ईरान की एयरलाइन उड़ान संचालित करेगी और वापसी में ईरानी नागरिकों को ले जाएगी।
दुनियाभर के लिए बड़ी मुसीबत बने कोरोना वायरस ने ईरान में भी अब पैठ बनाना शुरू कर दिया है। यहां 21 लोग (11 भारतीय) भी फंसे हुए हैं जिन्होंने परांड में खुद को एक अपार्टमेंट में बंद कर लिया है। मंगलवार को इनमें से एक सत्यंतन बनर्जी ने दोस्तों के साथ वीडियो साझा कर इसकी जानकारी दी।
वीडियो मेसेज में बनर्जी कहते दिख रहे हैं कि यहां इस अपार्टमेंट में 21 लोग हैं जो एक ही कंपनी में काम करते हैं। हम में से 11 भारतीय है दें, हम बहुत घबराए हुए हैं। हम बाहर नहीं जा सकते क्योंकि कोरोना वायरस फैला हुआ है। हमारे शहर में कई लोग मर चुके हैं। अपार्टमेंट में बाकी के लोग पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल से हैं। सारी फ्लाइट कैंसिल है। पता नहीं आने वाले दिनों में हमारे साथ क्या होने वाला है। हम भारत सरकार से गुहार लगाते हैं कि हमारी मदद करें।
भारत सरकार ने कहा है कि वहां फंसे हुए भारतीयों में संक्रमण की जांच के लिए चिकित्सकों की एक टीम वहां पहुंची है। जिन लोगों के जांच में संक्रमण नहीं पाया गया है उन लोगों को सामान्य विमान से भारत लाया जाएगा। हालांकि ईरान में फंसे भारतीयों को कब लाया जाएगा इसकी तारीख निर्धारित नहीं है। ईरानी दूतावास अधिकारी के हवाले से एएनआई ने कहा है कि लगभग 2000 भारतीय ईरान में फंसे हुए हैं।
प्रॉपर एप्रूवल की वजह से उनको वहां से निकालने की प्रक्रिया रूकी हुई है। न्यूज एजेंसी ने अधिकारियों के हवाले से कहा है कि कल से ईरान और भारत के बीच विशेष उड़ानें शुरू होंगी। सरकार ने गुरुवार शाम तक कोरोना वायरस के लिए ईरान में भारतीयों की स्क्रीनिंग के लिए पहला क्लिनिक स्थापित किया।